शुक्रवार, 7 मई 2010

'गुण' माता के दूध में...

प्रश्न पूछते क्लास में,
मास्टर वेंकट राव,
गुण माता के दूध में,
क्या-क्या हैं बतलाओ,
क्या क्या हैं बतलाओ,
तभी एक बोला बच्चा,
बिना उबाले पी सकते हैं,
इसको कच्चा,
अदर दूध से मदर दूध,
होता पॉवरफुल,
इसमें चीनी नहीं,
डालनी पड़ती बिल्कुल,
हाथ खड़ेकर सोनू बोला,
लाख विटामिन मइया में,
गिरा न देना चइया (चाय) में
इतने में एक बोली लड़की लिल्ली,
मम्मी जी का दूध,
नहीं पी सकती बिल्ली,
पॉवरफुल इस दुद्धू का,
अपमान कभी न करना,
माता जी के चरणों में,
अपने को अर्पण करना ।

4 टिप्‍पणियां:

dragon ने कहा…

कमाल कर दिए हो अनुपम भाई...हंसी हंसी में ही सही लेकिन संदेश ज़ोरदार है....

Punity Dwivedi ने कहा…

मां की व्याख्या इससे बड़ी क्या हो सकती है...god bless you.

Brajdeep Singh ने कहा…

jabradast gurudev jhaam macha diya hain apne ,shuru main laga ki hasy hain phir laga itni gambhir baat kitne sahaj tarike se keh di hain
bindaaas
ultimate
isse jyada shabd nahi hain mere pas prasansa karne ke liye

yun hi ek khayal mein ने कहा…

दूध के बारे में तो बहुत पढ़ा पर ऐसा दूध ना ही सुना ना ही देखा मुझे दिल से बहुत अच्छी लगी
बहुत ही सरल है.....किसी के करीब क्षण भर में पहुंच जाए